Tuesday, 7 May 2013

देसी लड़की की होटल में चुदाई – मेरे लंड का ओपनिंग

तिन दिन पहले तक मैं वर्जिन था, लेकिन परसों ही मैंने एक देसी लड़की की चूत बजाई हैं, यह बात तब की हैं जब मैं और मेरा दोस्त राकेश दिवाली के मेले में गए थे. राकेश का सेटिंग बाजु के गाँव वाली नम्रता से था और वह अक्सर नम्रता को बुला के या खुद उसके गाँव जा के उसकी चूत में लंड दे आता था. नम्रता भी मस्त, भरी हुई, सेक्सी देसी लड़की थी जो महीने में दो तिन बार चुद्वाए ना तो उसे चेन नहीं आता था. राकेश को मेरा वर्जिन होना पता था और उसने नम्रता को कहाँ की कोई सहेली हो जिसे सेक्स में इंटरेस्ट हो तो साथ में ले आना….मैं मनोमन राकेश का आभारी था की वह 19 साल के मेरे तरसे लंड को सहारा दे रहा था.

नम्रता की सहेली बिंदु, एक सेक्सी देसी लड़की

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बिंदु के सेक्सी स्तन
राकेश ने मुझे पहले ही बता दिया था की उसकी गर्लफ्रेंड मेरी चुदाई का भी कुछ जुगाड़ करेगी तो मैं अपनी तरफ से तैयार रहूँ…मैंने अच्छी शर्ट और जिन्स पहन ली. हम दोनों ही शाम के 4:30 बजे मेले के लिए निकल गए. मेला गाँव के बहार हाईवे पर लगा था और वहां बहुत भीड़ नहीं थी क्यूंकि दिवाली को तो अभी कुछ दिनों की देर थी और मेले में केवल कपल और गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड के जोड़े ही आते थे. करीब 5:15 बजे नम्रता और उसके साथ एक बड़े बूब्स वाली देसी लड़की आई, दूर से इन दोनों को देखते ही मैं मनोमन सोचने लगा की अगर यह देसी लड़की मुझ से चुदवा ले तो मजा आ जाए क्यूंकि इसके बड़े स्तन और गोल चहेरा लंड के सिल तोड़ने के लिए मस्त थे. मेरा लंड तभी खड़ा हो चूका था लेकिन राकेश ने मुझे पहले से समझाया था की मैं जल्दबाजी ना करूं, क्यूंकि लडकियां चुदवाना हो फिर भी भाव खाती हैं. दोनों आई और नम्रता ने आते ही मेरी तरफ देख के अपनी सहेली की तरफ देखा, उसका मतलब शायद इशारे से मुझे मिलवाना था की देख लो यहीं लंड है जो तुम्हें चोदेगा आज. उसने अपना मुहं खोला, मिलन कैसा हैं तू…यह मेरी सहेली बिंदु हैं. बिंदु यह मिलन हैं तेरे राकेश भैया का दोस्त. बिंदु…वाह रे तेरी जवानी, सेक्सी चुंचे, गोल गांड और रसीले भीगे होंठ….आज अगर तू अपनी जवानी का रस मेरे वर्जिन लंड को पिला दे तो मैं तुझे पूरा लंड तेरी देसी चूत में दे के चोदुंगा.

गधे के शो में एक और गधा उठ खड़ा हुआ

हम लोग ठेले पर गन्ने का रस पी के मेले में घुमने लगे. पहले हमने बड़े चकडोल मैं बेठने का मजा लिया और फीर हम लोग मौत के कुंवे के बाइक स्टंट देख रहे थे. राकेश ने मुझे चुपके से कहाँ की अब हम गधे का शो में जाएंगे वह मैं इस देसी लड़की पर चांस मार लूँ. मैं तू कब से बिंदु के लिए बेताब था, मैंने कहाँ ठीक हैं. टिकिट लिए और हम लोग गधे के शो में घुसे. राकेश ने जानबूझ के मुझे आगे बिंदु के साथ किया और खुद अपनी गर्लफ्रेंड नम्रता के साथ हमारे पीछे खड़ा रहा. गधा अपना शो दिखा रहा था और इधर मैंने अपना शो चालू कर दीया. भीड़ होने से मैं और देसी लड़की बिंदु एक दुसरे से एकदम सट के खड़े हुए थे. उसकी गांड की साइड का भाग मेरी गांड की साइड पर था. आगे गधे के शो वालो ने पर्दे डाले थे और पीछे तो मेरी चुदाई के आयोजक खड़े थे इसलिए कुछ डर नहीं था. मेरा लंड खड़ा हो चूका था. मैंने धीमे से अपना हाथ बिंदु की जांघ पर रख दिया, वह कुछ नहीं बोली और उसने केवल हंस के मेरी तरफ देखा. मेरी हिम्मत इस से 10 गुनी बढ़ गई, मैंने अपने हाथ को जांघ पर हलके हलके फेरा और तभी इस सेक्सी लड़की ने मेरा हाथ अपने हाथ से दबाया. मेरा हाथ उसकी दो जांघ के लगभग बिच में था और उसकी चूत से केवल कुछ सेंटीमीटर दूर. मैंने अपना हाथ थोडा और हटाया और उसके चूत के उपर रख दिया. बिंदु का हाथ भी अब एक्शन में आ गया और उसने पर्दे की आड़ में मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया.

चूत और लंड की मालिश

बिंदु मेरे लंड की लम्बाई पर हाथ फेर रही थी और मैं इस देसी लड़की के चूत को हलके हलके सहला रहा था. उसके झांटों का स्पर्श मेरे हाथ को होते मेरा लंड और भी उत्तेजित होने लगा था. मैंने पीछे =मुड़ के राकेश की तरफ देखा और वह भी समझ गया की मुझे चूत की चुदाई की तलब लग चुकी हैं. उसने मुझे इशारा किया की अभी रुको. नम्रता हम दोनों के इशारे देख के मन ही मन मुस्कुरा रही थी, जो उसके होंठ साफ़ बता रहे थे. मैं और बिंदु और कुछ देर तक एक दुसरे के जननांग पर हाथ से मसाज देते रहे. मेरे से अब रहा नहीं जा रहा था क्यूंकि आज तक मैंने सिर्फ मुठ मार मार के लंड को समझाया हुआ था और आज इस देसी लड़की के हाथ के स्पर्श मात्र से मुझे बर्दास्त बहार की उत्तेजना होने लगी थी….तभी गधे का शो पूरा हुआ, सच बताऊँ मेरा जरा भी ध्यान इस शो में नहीं था.

होटल पर ले जा के देसी लड़की को लंड चुसाया

राकेश ने मुझे बहार आके पूछा चलेंगे रूम पे. मैंने कहा हाँ चलो. बिंदु अब थोड़ी बिन्दस्त हो गई थी और उसने अपनी उँगलियाँ मेरी उँगलियों से जोड़ी थी, वह मेरा हाथ पकड के चल रही थी. हम लोग मेले के बहार ही एक सस्ते गेस्ट हाउस में घुसे. गेस्ट हाउस का मालिक शायद राकेश और नम्रता को पहेचानता था क्यूंकि उसके चहेरे पर कुछ ऐसे ही भाव दिख रहे थे. हम लोग अंदर गए और राकेश दो रूम की चाबिया ले के आया. उसने मुझे साइड में बुलाया और अपनी जेब से एक कंडोम दिया और बोला..देख पहेली बार तेरा हैं उसका नहीं तो जो सिख सकता हैं सिख लेना इससे…आइटम जोरदार है देखना खिसके नहीं हाथ से. मैंने कंडोम लिया और एक रूम की चाबी. राकेश ने मुझे कहाँ पहेले लंड मत निकाल देना, किस वगेरह करना ताकि रूम का किराया वसूल हो सके. मैने रूम में जाते ही दरवाजे को कड़ी लगाईं. बिंदु मोबाइल पे लगी हुई थी. मेरे जाते उसने मोबाइल रखा और बोली, कपडे उतारेंगे. मैंने कहा, अरे बिंदु जी इतनी जल्दी क्या हैं, मेरी पहली चुदाई हैं थोडा प्यार व्यार तो कर लेने दो. देसी लड़की हंसी और उसने कहाँ आ जाओ तुम्हे प्यार भी कर लेंगे.
मैं उसके पास गया और उसने मेरे होंठो से अपने होंठ लगा दिए, वह जोर जोर से मुझे चूसन लगी. उसकी साँसे फास्ट और गर्म हो चुकी थी. उसका गर्दाया बदन मुझे बेताब कर रहा था. मेरा लंड खड़ा होके उसके जांघो को टच कर रहा था. मैंने किस करते करते ही उसके बूब्स को पकड़ा, अरे वाह यह बूब्स तो एकदम मुलायम और ठंडे ठंडे थे. मैंने दोनों बूब्स को बारी बारी दबाये और उसको मस्त चूसता रहा. मेरे होंठ अब उसकी गर्दन, कान , गले और गालो पर फिरने लगे. बिंदु हंस के बोली, तू तो पूरा कुत्ता है मिलन. मैंने हंस के कहाँ हाँ जिसे आज पहली बार हड्डी मिली हैं. बिंदु ने अपनी टी-शर्ट हटाई और कहाँ आज तुझे पूरी हड्डी मिलेगी घबरा मत. काली ब्रा के अंदर उसके बूब्स जैसे की दबा दबा के भरे गए थे. उसने हुक खोला और अपने बूब्स आजाद किये. बूब्स ब्रा के दूर होते ही जैसे की निचे गिर पड़े और ढीले हो गए. मैंने अपनी जबान निपल्स पर फेरी और बिंदु आह आह करने लगी. बिंदु पलंग पर निचे बैठ गई और उसने मेरी पेंट का क्लिप खोला, लंगोट उतारने में इस देसी लड़की को एक मिनिट भी नहीं लगा. मैं पहली चुदाई के लिए सब तैयारी कर के आया था निचे के एक एक बाल को मैंने काट दिया था.
बिंदु ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और वो लंड को मस्त हिलाने लगी, मेरे लौड़े को मस्त मजा आ रहा था और मैं आँखें बंध कर इस उत्तेजना को दबाने की कोशिश कर रहा था. बिंदु ने तभी अपना मुहं मेरे लंड पर चलाया और वह पूरा लंड मुहं में लेके चूसने लगी. दोस्तों मुठ मारने का मजा अलग और अच्छा होता हैं इसमें कोई दो राय नहीं हैं लेकिन जब इस देसी लड़की ने मेरा लंड मुहं में लिया तो मुझे लगा के सारे असीम सुख आअज मुझे पहली बार ही मिले हैं. देसी लड़की पूरा लंड हिला हिला के चूस रही थी, पता नहीं 8 इंच का लंड यह देसी लड़की कैसे अपने मुहं में भर सकती थी. लेकिन इस देसी लड़की को पता था की लंड कैसी चूसते हैं, वह लंड को जैसे की गन्ना का रस निकालने की मशीन में डाला हो वैसे निचोड़ने की नियत से चूस रही थी. मुझे लगा की अगर इसे रोका नहीं तो वीर्य उसके मुहं में ही ले लेगी. मैंने देसी लड़की बिंदु का माथा पकड़ा और उसे लंड से दूर किया.

चूत खोल के अंदर डंडा दिया

बिंदु खड़ी हुई और बोली, मिलन चल जल्दी मुझे तेरा लंड दे दे, मेरी चूत एक हफ्ते से लंड की प्यासी है. मुझे तेरे वर्जिन लंड का मजा दे दे. उसने मेरे हाथ से कंडोम लिया और खुद ही मुझे पहनाने लगी. लंड सुरक्षा कवच पहेने तैयार था. बिंदु पलंग पर लेट गई और उसने अपनी टाँगे फैला दी. मैंने जैसे ही चूत के उपर अपना लंड रखा मुझे एक अलग ही ख़ुशी मिल रही थी. चूत तो चूत ही है दोस्तों. बींदु ने लंड अपने हाथ में लिया और चूत के सही छेद पर रखा. उसने आँखों से इशारा किया और मैंने एक हल्का झटका दिया. मेरा लंड आधे से ज्यादा इस देसी लडकी की चूत में धंस गया. बिंदु हलके से सिसकारी लगाने लगी और बोली, मिलन लंड तो काफी मोटा है तेरा, रोज हाथ से मलता होगा. मैंने हँसते हुए कहाँ, यह लंड पहेलवान खानदान का है और इसकी दिन में कभी कभी तो तिन बार तक मालिश होती थी. बिंदु हंसी और उसके गुलाबी होंठ खुल पड़े. मैंने उसकी हंसी को अंदर दबाते हुए उसे एक किस कर ली और साथ ही में मेरा लंड एक झटके में चूत के अंदर पूरा घुसेड दिया.
फिर तो आह आह ओह ओह हो हो..होता गया और मैं इस देसी लड़की की चूत को 5 मिनिट तक मस्त पेलता रहा. बिंदु भी अपनी गांड उठा उठा के मुझ से चुदवा रही थी. उसकी हिलती गांड औ उछलते चुंचे मेरे लंड को और भी उत्तेजना दे रहे थे. मैंने उसके चुन्चो को कितनी बार हाथ में लेके दबाये और उसे 15-20 लम्बे किस इस 5 मिनिट की चुदाई में कर लिए. वह भी मेरे छाती के बालों को उंगलियों में ले के घुमाती थी और मेरी कमर पर अपने हाथ से पकड के जोर से दबाती थी ताकि लंड अंदर तक घुसा रहे. इसी उत्तेजना के बिच मेरे लंड ने सोना उगला और पूरा वीर्य निकल के कंडोम में भर गया. बिंदु को भी इस चुदाई से बहोत मजा आया था क्यूंकि उसके चहरे पर भी ख़ुशी के भाव साफ़ झलकते थे.
मैने लंड को हाथ में लेके धीरे से बहार निकाला और इस देसी लड़की के चुन्चो को पिने लगा. बिंदु ने मेरा सर पकड के अपने स्तन पर दबा दिया. मेरे हाथ से मैं दूसरा स्तन पकड के दबाने लगा. मैंने उसकी जांघ, गर्दन, गले और होंठो पर किस किया और कपडे पहनने चालू कर दिए. हमने कपडे सेट किये और रम के बहार आ गए. बहार राकेश और नम्रता भी अपने रूम को ताला लगा रहे थे. बिंदु दौड़ी और उसने नम्रता के कान में कुछ कहाँ और वो दोनों ही हंस पड़ी. नम्रता ने राकेश को कहा, अगले हफ्ते जब मेरे गाँव आव तो मिलन को भी ले आना…….मैं शायद इस देसी लड़की के चुदाई एक्जाम में पास हो गया था………………!!!

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